गमगीन
December 18, 2014 at 3:52 pm,
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खून फैला था फ़िज़ाओं में
खून के क़तरे गमगीन थे
खून उन बच्चों का था
जिनके ख्वाब भी कमसिन थे
हवाओं में जो था फैला हुआ
क़तरे क़तरे खून और खून थे
जाओ इन वहशियों को बता दो
हर क़तरे से अब निकलेगा एक
पैगम्बर