चिराग
May 6, 2016 at 9:50 pm,
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बुझा दो इन चिरागो को अँधेरा कर दोरौशनी में हकीकत नज़र आती है
वक़्त तो ठहरता ही नहीं किसी के लिए
किस्मत जाने क्यों वक़्त से शर्माती है