फितरत
May 20, 2016 at 12:20 pm,
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हमारा उनका साथ तो बस यहीं तक था उनकी नियत बदल गयी और मेरी किस्मत
उनके जाने से तो मुझे कोई सिकवा नहीं
मैं तो जारी रहा सफर में लिए अपनी फितरत